संवाददाता
श्रीमती सुनीता महंत
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वरिष्ठ पत्रकार कुंजबिहारी साहू किसान स्कूल बहेराडीह में मनाया गया विश्व पृथ्वी दिवस, बीज और माटी पूजन के साथ किसानों को किया गया बीजों का वितरण, प्रदेश के तीन जिलों के प्रगतिशील किसान हुए शामिल
जांजगीर-चाम्पा. जिस धरती पर हम रहते हैं, जिनके संसाधनों के बिना जीवन संभव नहीं. उस धरती को ही तमाम तरीकों से नष्ट करने में जुटे हैं. ऐसे में हरेक ब्यक्ति को धरती को बचाने की दिशा में गंभीरता से प्रयास करने होंगे, तभी यह धरती और हमारा भविष्य सुरक्षित रहेगा. उक्त बातें वरिष्ठ पत्रकार कुंजबिहारी साहू किसान स्कूल बहेराडीह में विश्व पृथ्वी दिवस पर आयोजित बीज और माटी पूजन कार्यक्रम में किसानों को सम्बोधित करते हुए बलौदा जनपद की उपाध्यक्ष नम्रता राघवेंद्र नामदेव ने व्यक्त किया। उन्होंने आगे कहा कि आज पूरा विश्व प्राकृतिक संसाधनों की कमी, जलवायु परिवर्तन, प्रदूषण और ग्लोबल वार्मिंग जैसी अनेक समस्याओ को लेकर चिंतित है. ऐसे में ज़ब हम 53 वें पृथ्वी दिवस मना रहे हैं तो यह सोचना आवश्यक हो जाता है कि आखिर हम धरती पर संतुलन कैसे बनाये रखें, जिससे भावी पीढ़ी स्वच्छ वातावरण में सांस ले सके और हमारा और हमारी आने वाली पीढ़ी का भविष्य सुरक्षित रहे. इंदिरा गाँधी क़ृषि विश्वविद्यालय रायपुर के छात्र और जिले के पाली गांव के प्रगतिशील युवा कृषक अभिषेक पाल ने कहा कि वैश्विक स्तर पर भी वनों का क्षेत्रफल लगातार कम हो रहा है. अगर भारतीय वन क्षेत्र की बात करें, तो इसका क्षेत्रफल भी दिन ब दिन सिमट रहा है. प्रतिवर्ष जंगल में आग लगने की घटनाएं बढ़ रहीं है. यदि इसे न रोका जाय तो स्थिति और भी भयावह हो सकती है. मानव जीवन के लिए जंगलों के अस्तित्व को बनाये रखना अत्यंत आवश्यक है, वहीं पर्यटक स्थल विकसित करने और विकास के नाम पर जंगलों के दोहन पर लगाम लगानी होंगी. सड़को का निर्माण हों, अगर पेड़ों को काटना पड़ रहा है तो उतने ही नए पौधे का रोपण को प्रोत्साहित कर उसकी देखभाल की जिम्मेदारी भी हम सभी को उठाना चाहिए. उन्होंने कहा कि धरती को बचाने आज जैविक खेती समय की मांग है और हम किसानों को धरती माता को बचाने के लिए जैविक खेती की ओर लौटना होगा.उपसरपंच चन्दा सरवन कश्यप ने कहा कि हरियाली से ही तापमान में कमी आ सकती है. लगातार बढ़ती गर्मी काफ़ी खतरनाक है. यह जंगल की आग को तेज कर रहीं है. खरतनाक तूफान,, सूखा और समुद्र के जलस्तर को भी बढ़ा रही है. मौसम का पैटर्न पूरी तरह से बदल गया है। उन्होंने कहा कि धरती को ठण्डा रखने के लिए जंगल में पेड़ उगाना ही एकमात्र उपाय है, तभी जलवायु परिवर्तन के खतरों से हम बच सकते हैं. किसान स्कूल के संचालक दीनदयाल यादव ने कहा कि पृथ्वी को जल, जंगल और जमीन आदि तीन प्रमुख हिस्सों में विभाजित किया गया है, जो एक दूसरे से जुड़े हुए हैं। दिनों दिन जंगल घट रहीं है, जिससे सूर्य की गर्मी का तापमान तेजी से बढ़ रहीं है. हमर संगवारी किसान उत्पादक कंपनी के डायरेक्टर रामाधार देवांगन ने कहा कि आज भारत के 17 राज्यों के 365 जिले सूखे से प्रभावित है, वहीं देश की 190 जिले बाढ़ की विभीषिका झेलती है. जलवायु परिवर्तन के कारण मौसम इतना अनिश्चित हों गई है कि फ़सल चक्र भी प्रभावित होने लगा है. बैंक मित्र सुमित्रा यादव ने कहा कि हम सब पृथ्वी दिवस पर प्रकृति के करीब रहने का, उसे संरक्षीत करने और हराभरा रखने का संकल्प ले. इस दिशा में हम सब मिलकर आगे कदम बढ़ाये, क्योंकि ज़ब धरती सुरक्षित होगा, तभी हम सुरक्षित रहेंगे. कार्यक्रम का संचालन किसान स्कूल के संचालक दीनदयाल यादव और आभार सिवनी धान खरीदी केंद्र के कम्प्यूटर आपरेटर श्रवण कुमार कश्यप ने ब्यक्त किया. कार्यक्रम के दौरान किसानों बीज वितरित किया गया, वहीं माटी पूजन कार्यक्रम कृषक मित्र रामाधार देवांगन ने विधिवत सम्पन्न कराया. इस मौके पर सक्रिय महिला ललिता यादव, पुष्पा यादव, पशु सखी सपना कश्यप, बैंक मित्र सुमित्रा यादव, नारी शक्ति महिला ग्राम संगठन के सचिव पुष्पा यादव, गंगा यादव, मिना चौहान, सकून यादव, अमरीका यादव, उर्मिला यादव, राजाराम यादव, अविनाश मांझी, सौम्य पाण्डेय समेत कोरबा और बिलासपुर जिले के प्रगतिशील किसान बड़ी संख्या में उपस्थित थे.