

राष्ट्रीय मानवाधिकार एवं सामाजिक न्याय आयोग ने मनाया राष्ट्रीय बालिका दिवस
समाज में लड़कियों के प्रति भेदभाव को समाप्त करने सामाजिक जागरण का पर्व राष्ट्रीय बालिका दिवस … अधिवक्ता चितरंजय सिंह
सक्ती, समाज में लड़कियों के प्रति भेदभाव को समाप्त करने सामाजिक जागरण हेतु सद्प्रयास का पर्व है राष्ट्रीय बालिका दिवस, यह बात उच्च न्यायालय अधिवक्ता चितरंजय सिंह ने कहते हुए बताया कि विजन ऑफ गर्ल्स फॉर फ्यूचर, ध्येय के साथ आज राष्ट्रीय बालिका दिवस २०२५ पर लड़कियों के सशक्तिकरण हेतु जागरूकता कार्यक्रम का आगाज हुआ । इस अवसर पर समाज में लड़कियों के प्रति भेदभाव समाप्त कर भ्रूण हत्या जैसे कानूनन अपराध को लेकर लोगों को आगाह करते हुए इसे जड़ से समाप्त करने का संकल्प लिया गया।

राष्ट्रीय मानवाधिकार एवं सामाजिक न्याय आयोग लीगल सेल के प्रदेश अध्यक्ष एवं उच्च न्यायालय अधिवक्ता चितरंजय सिंह ने आगे बताया कि स्वर्गीय इंदिरा गांधी के देश की प्रथम महिला प्रधानमंत्री के रूप में पद ग्रहण की तिथि पर १९०८ से राष्ट्रीय बालिका दिवस मनाने के संकल्प के साथ लड़कियों के प्रति समाज में व्याप्त भेदभाव को समाप्त करने हेतु जागरूकता कार्यक्रम आयोजन किया जाता रहा है।
इसी तारतम्य ने आज मानवाधिकार संगठन की ओर से नारी सशक्तिकरण के लिए महत्वपूर्ण पहल की दृष्टि से भ्रूण हत्या को समूल समाप्त करने का संकल्प दिलाते हुए अधिवक्ता चितरंजय ने कहा कि इस साल २०२५ के लिए बालिका दिवस पर घोषित_भविष्य के लिए लड़कियों का दृष्टिकोण, ध्येय को आत्मसात करने के साथ समाज के हर वर्ग को सशक्त कन्या निर्माण हेतु जनजागरण की महती आवश्यकता है ।
इन पलों में मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने अनुसूचित जनजाति छात्रावास के बच्चियों के बीच मिठाई बांटकर खुशियां मनाया और उन्होंने प्रेरित किया गया कि आप सभी लगन और परिश्रम के साथ समाज, प्रदेश व देश में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू आदि की तरह अपना नाम रोशन करें ।
इन पलों में राष्ट्रीय मानवाधिकार एवं सामाजिक न्याय आयोग के उदय मधुकर, योम लहरे, संतोष देवांगन आदि के साथ मंडल निरीक्षक विजय सिंह जगत व छात्रावास अधीक्षिका श्रीमती कामिनी महेंद्र सिंह राज की गरिमामय उपस्थिति रही।