माननीय श्री शक्ति सिंह राजपूत, प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश जांजगीर-चांपा, श्रीमती पल्लवी तिवारी द्वितीय जिला एवं सत्र न्यायाधीश जांजगीर-चाम्पा, माननीय श्री विजय अग्रवाल, सीजीएम, श्रीमती प्रियंका अग्रवाल, सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, की उपस्थिति में किया गया कार्यशाला का आयोजन
⏺️उक्त कार्यशाला में जिला जांजगीर-चांपा एवं सक्ती के कुल 61 प्रधान आरक्षक से निरीक्षक स्तर के अधिकारी उपस्थित हुये।
➡️मोटर दावा दुर्घटना अधिनियम के नवीन संशोधन के संबंध में दिनांक 15.05.24 को पुलिस अधीक्षक कार्यालय के सभाकक्ष में कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसमें मुख्य रूप से माननीय श्री शक्ति सिंह राजपूत, प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश जांजगीर-चांपा, श्रीमती पल्लवी तिवारी द्वितीय जिला एवं सत्र न्यायाधीश जांजगीर-चाम्पा, माननीय श्री विजय अग्रवाल, सीजीएम, श्रीमती प्रियंका अग्रवाल, सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, श्री विवेक शुक्ला, पुलिस अधीक्षक जांजगीर-चांपा श्री राजेन्द्र जायसवाल, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक जांजगीर-चांपा सुश्री रमा पटेल, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सक्ती उपस्थित रहें।
कार्यक्रम के प्रारंभ में श्री विवेक शुक्ला, पुलिस अधीक्षक द्वारा माननीय श्री शक्ति सिंह राजपूत, प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश जांजगीर-चांपा का पुष्प गुच्छ से स्वागत कर उद्बोधन के लिये आमंत्रित किया गया।
➡️माननीय श्री शक्ति सिंह राजपूत, प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश जांजगीर-चांपा द्वारा अपने उद्बोधन मेें मोटर दावा दुर्घटना अधिनियम में नवीन संशोधन के संबंध में जानकारी देते हुये कहां कि पहले विवेचना के दौरान नियम जटिल था किंतु नियम में संशोधन के बाद प्रक्रिया सरल हो गई है।
➡️श्रीमती पल्लवी तिवारी द्वितीय जिला एवं सत्र न्यायाधीश जांजगीर-चाम्पा द्वारा अपने उद्बोधन में मोटर दावा दुर्घटना अधिनियम के संबंध मे विस्तृत जानकारी देते हुये बताई कि दुर्घटना होने पर अन्वेषण अधिकारी प्रारूप-1 में जानकारी भरकर माननीय न्यायालय के समक्ष 48 घंटे के अंदर प्रस्तुत करें। प्रारूप-2 में अन्वेषण अधिकारी पीड़ित पक्ष से फार्म भरवाकर दावा प्राधिकरण को भेजने हेतु निर्देशित किया गया, प्रारूप-3 में वाहन चालक एवं प्रारूप-4 में वाहन स्वामी से 30 दिवस के अंदर जानकारी भरने हेतु निर्देशित किया गया। प्रारूप-5 में अन्वेषण अधिकारी अंतरिम दुर्घटना रिपोर्ट 50 दिवस के अंदर दावा विधिक प्राधिकरण में जमा करने हेतु निर्देशित किया गया। प्रारूप-6 में नाबालिक पीड़ित से संबंधित एवं प्रारूप 06-ए में नाबालिक पीड़ि़त को सीडब्ल्यूसी के समक्ष प्रस्तुत करने के संबंध में विस्तृत जानकारी दी गई। प्रारूप 8 में घटनास्थल का नजरी नक्शा एवं वीडियोग्राफी तैयार कराकर 60 दिवस के अंदर दावा प्राधिकरण के समक्ष प्रस्तुत करने के संबंध में विस्तृत जानकारी दी गई।
➡️श्री विवेक शुक्ला, पुलिस अधीक्षक द्वारा अपने उद्बोधन में मोटर दावा दुर्घटना के नवीन संशोधन के संबंध में प्रकाश डालते हुये विवेचकों को किसी भी प्रकार की समस्या होने पर तत्काल वरिष्ठ अधिकारियों से सम्पर्क कर निराकरण करने हेतु निर्देशित किया गया। साथ ही मोटर दावा दुर्घटना अधिनियम को पहले से सरलीकृत किया गया है जिसमें पीड़ित को शीघ्र बीमा मिलेगी और पीड़ित तथा वाहन मालिक से अन्वेषण अधिकारी फार्म भराकर माननीय न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत करेंगे।
उक्त कार्यशाला में जिला जांजगीर-चांपा एवं सक्ती के कुल 61 प्रधान आरक्षक से निरीक्षक स्तर के अधिकारी उपस्थित हुये।