

चांपा ! हे प्रभु जगन्नाथ थामो मेरा हाथ
अपने रथ में ले चलो मुझे अपने साथ
लुभाये न मुझे अब कोई पदार्थ
मेरा तो बस अब एक ही है स्वार्थ
धर्म युद्ध हो या कर्म युद्ध हो
आप बनें सारथी और मैं बनू पार्थ
मैं तो हूं अंजान बन के मेरे नाथ
अपने रथ में ले चलो, मुझे अपने साथ ,अपने रथ में ले चलो ,मुझे अपने साथ,बरपाली चौक चांपा डागा कॉलोनी निवासी स्वर्गीय रोशन लाल अग्रवाल के पोता पोती अंशिका लक्ष्य अग्रवाल जय जगन्नाथ भ्राता बलभद्र और बहन सुभद्रा के साथ नगर भ्रमण पर निकले हैं जगत के नाथ जोड़ कर दोनों हाथ मांगते हैं आशीर्वाद सब पर बनी रहे कृपा सब रहे समृद्धि एवं खुशहाल जय जगन्नाथ जय जगन्नाथ !!बरपाली चौक चांपा डागा कॉलोनी निवासी स्वर्गीय रोशन लाल अग्रवाल के पोता पोती अंशिका लक्ष्य अग्रवाल जय जगन्नाथ भ्राता बलभद्र और बहन सुभद्रा के साथ नगर भ्रमण पर निकले हैं जगत के नाथ जोड़ कर दोनों हाथ मांगते हैं आशीर्वाद सब पर बनी रहे कृपा सब रहे समृद्धि एवं खुशहाल जय जगन्नाथ जय जगन्नाथ !!