जांजगीर-चाम्पा. बहेराडीह स्थित वरिष्ठ पत्रकार कुंजबिहारी साहू किसान स्कूल में दुर्ग जिले के पाटन क्षेत्र की साख समिति की 42 महिलाएं भ्रमण के लिए पहुंची. देश के पहले किसान स्कूल के नवाचार को देखकर महिलाओं ने तारीफ की और वे काफी उत्साहित नजर आई.
महिलाओं ने कहा कि किसान स्कूल में छग की संस्कृति से जुड़ी चीजों और पुरानी सामग्री को संग्रह कर ‘धरोहर’ को विकसित किया जा रहा है, इसकी जितनी तारीफ की जाए कम है. उन्होंने किसान स्कूल में 36 भाजी, साढ़े 6 फ़ीट की धनिया, केले के रेशे, अमारी भाजी के डंठल के रेशे, भिंडी के डंठल के रेशे और अलसी के डंठल के रेशे से बने कपड़े, जैकेट-बैग समेत दूसरी चीजों को देखा. साथ ही, अक्षय चक्र वाटिका, ऑस्ट्रेलियन केंचुआ, सेप्टिक टैंक से रसोई गैस सिस्टम को देखकर महिलाएं आश्चर्यचकित हो गईं और किसान स्कूल की कोशिशों की तारीफ की. महिलाओं ने बीज संग्रहण केंद्र का भी अवलोकन किया है और किसान स्कूल के सेल्फी जोन में खुमरी के साथ पारम्परिक अंदाज में तस्वीर खिंचाई.
आपको बता दें, बहेराडीह के वरिष्ठ पत्रकार कुंजबिहारी साहू किसान स्कूल के नवाचार को देखने विदेश से भी लोग आ चुके हैं. छग के अलावा दूसरे राज्यों से भी लोग, किसान स्कूल के नवाचार को देखने के लिए पहुंच रहे हैं. कुछ दिनों पहले 6 राज्य के 16 युवा पहुंचे थे, वहीं स्कूल-कॉलेज के स्टूडेंट्स भी शैक्षणिक भ्रमण के लिए किसान स्कूल पहुंच रहे हैं.
दुर्ग जिले पाटन ब्लॉक के बैसाखू साहू, मुड़पार गांव से मेघनाद मरार, अमेरी से नीमा पनिका, शशि ठाकुर, पतोरा से मीना साहू, बिसवंतीन ठाकुर समेत नीता चंद्राकर ब्लॉक अध्यक्ष, योगिता साहू, गीता बारले, मोंगरा ठाकुर, फुलकुंवर मधुकर, गंगा बाई, प्रमिला गुड्ढियारी,खिलेश्वरी, भोजबाई धौंराभाठा, सेवती ठाकुर, मोतिम जोशी, पूनम कुर्रे, कौशिल्या गभरा, गीता ठाकुर, धात्री साहू करसा, पूजा साहू, मानकुंवर साहू कानाकोट,प्रेमिन कोसरे राखी,भारती हिरवानी सोसायटी प्रबंधक बेन्दरी आदि शामिल थी.
इस मौके पर केंद्रीय रेशम बोर्ड,तसर अनुसंधान, वस्त्र मंत्रालय भारत सरकार के सलाहकार रामाधार देवांगन, राजाराम यादव, पुष्पा यादव, शिवदयाल यादव, पिंटू कश्यप आदि प्रमुख रूप से मौजूद थे.