

आने जाने वाले लोगों को कन्फ्यूजन होता है कि शक्ति जिला में आता है या फिर जांजगीर चांपा में
आपको बता दे कि शक्ति जिला दो साल अब पूरा होने को है जांजगीर चांपा से अलग हुए लेकिन कई शासकीय भवन में आज तक जिला का नाम नहीं बदले बल्कि अपने पुराने जिला जांजगीर चांपा ही लिखा लिखाया दिखाई देता है जिससे आने जाने वाले लोगों को कन्फ्यूजन होता है कि आखिर कचंदा ग्राम पंचायत का बालक छात्रावास जांजगीर चांपा जिला में आता है या फिर शक्ति जिला में अब देखना होगा कि आखिर समाचार प्रकाशन के बाद जिम्मेदार आखिर इसकी क्या रुख अपनाते हैं और बालक छात्रावास में लिखा जांजगीर चांपा जिला से शक्ति में सुधार होता है या फिर जिम्मेदार अब भी कुंभकर्णी नींद में सोए रहेंगे