जैजैपुर/बेलादुला । राजनैतिक रसूख और पद मिलने के बाद जीवित लोगों को मृत घोषित करने की कहानी हमने फिल्मों में कई बार देखी है लेकिन, फिल्मों की यही कहानी जनपद पंचायत जैजैपुर अंतर्गत ग्राम पंचायत नंदेली के बुजुर्ग दंपति के मामले में देखने को मिली। पंचायत सचिव और सरपंच ने अपने बेटे के साथ मिलकर अपने ही गांव के बुजुर्ग दंपति को मृत घोषित करते हुए जनपद पंचायत जैजैपुर में पत्र दे दिया, जिसके आधार पर बुजुर्ग दंपति शासन से मिलने वाली पेंशन की राशि से वंचित हो गई, जिसके बाद बुजुर्ग दंपति अपने आप को जीवित बताने महीने भर सरकार के तमाम सरकारी नुमाइंदों के कार्यालयों में भटकते रही और स्वयं को जीवित बताती रही, लेकिन किसी भी अधिकारियों ने इनकी गुहार नहीं सुनी।
ऐसे में पूरे मामले की शिकायत पीडि़त दंपति द्वारा पुलिस अधीक्षक कार्यालय सक्ती में किए जाने के बाद एसपी अंकिता शर्मा के निर्देश पर जैजैपुर पुलिस दो अप्रैल 2024 को ग्राम पंचायत नंदेली की सरपंच हेमलता जन्मेजय चंद्रा, सचिव देवेंद्र जांगड़े और सरपंच पुत्र याज्ञेन्द्र चंद्रा के खिलाफ भादवि की धारा 420, 34 के तहत मामला दर्ज कर उनकी तलाश में जुट गई है। पूरे मामले में गौर करने वाली बात यह है कि ग्राम पंचायत नंदेली की सरपंच हेमलता चंद्रा के पति जन्मेजय चंद्रा शिक्षक हैं, जिनके ऊपर स्कूल में पढऩे वाले बच्चों को बेहतर शिक्षा देने की जिम्मेदारी है मगर, उनके ही घर में उनकी सरपंच पत्नी और पुत्र, जीवित लोगों को मृत बताने जैसी धोखाधड़ी कर रहे हैं।
मानवता हुई शर्मसार, सरपंच पद हुआ बदनाम
लोकतंत्र में पंचायत चुनाव सबसे प्रमुख और मुख्य कड़ी है, क्योंकि केंद्र सरकार के साथ राज्य सरकार द्वारा जनता के हित में चलाई जाने वाली योजनाओं को गांवों के अंतिम छोर तक पहुंचाने वाले पंचायत के सरपंच ही होते हैं, लेकिन ग्राम पंचायत नंदेली की सरपंच हेमलता जन्मेजय चंद्रा ने अपने इस अनैतिक कार्यों से सरपंच पद को बदनाम कर दिया है, क्योंकि इन्होंने मानवता के खिलाफ जाकर जीवित व्यक्ति को मृत घोषित करने जैसा असमाजिक कार्य किया है। इस पूरे मामले के सामने आने के बाद कई सरपंचों ने मामले की निंदा करते हुए नंदेली सरपंच को पद से बर्खास्त करने की मांग की है।
मामला दबाने नेताओं ने खूब लगाई ताकत
जीवित व्यक्ति को मृत बताने वाली सरपंच को बचाने के लिए क्षेत्र के कुछ कथित नेताओं ने थाना में खूब दबाव बनाया, ताकि किसी तरह ग्राम पंचायत नंदेली की सरपंच को बचा सके और पूरे मामले में कार्रवाई ना हो, लेकिन तमाम कोशिशों के बाद भी धोखाधड़ी करने वाले सरपंच व सचिव के खिलाफ मामला दर्ज हो ही गया।