

नवीन जिला सक्ती की स्थापना ९ सितंबर २०२२ को हुआ तथा आज जिला स्थापना की तीसरी वर्षगांठ पर शासन_ प्रशासन और जनप्रतिनिधियों ने स्थापना दिवस की स्मृति में न ही कोई उत्सव और न ही कार्यक्रम किया।
इस पर आम लोगों ने कहा, न उत्साह न उमंग…नए जिले से इतना जल्दी मोहभंग…? ।
शायद यह स्वाभाविक भी है, क्योंकि जिला स्थापना को लेकर स्थानीय विधायक डॉ चरण दास महंत कांग्रेस शासन में विधान सभा अध्यक्ष पद पर रह कर जिला पर बनने पर खुश नजर नहीं आए और अब नेता प्रतिपक्ष के पद पर रह कर भी सक्ती जिला स्थापना दिवस को लेकर उनका खुश दिखाई नहीं देना हम सबको हतोत्साहित करने वाला संदेश है, खासकर! जबकि आज शक्ति नगर के आस_ पास ही उनकी मौजूदगी रही,फिर भी उन्होंने शक्ति जिला स्थापना दिवस को लेकर कोई उत्साह नहीं दिखाया जबकि चुनाव के दरमियान सक्ती जिला बनाने का श्रेय लेने कोई कसर नहीं छोड़ा,यह रही नेता प्रतिपक्ष की बात शक्ति प्रेम…पर वहीं ट्रिपल इंजन की सरकार से जुड़े लोगों को बात करें तो स्थानीय सांसद या उनके जंबो प्रतिनिधियों में से कोई भी जवाबदार जन प्रतिनिधि ने न तो कोई आयोजन किया और जिला स्थापना को लेकर न ही कोई उत्साह दिखाया, तब स्वाभाविक है कि नौकरशाही को क्या पड़ी है कि कोई आयोजन कर Sakti जिला स्थापना दिवस को यादगार बनाए। अंततः जिला स्थापना दिवस पर सक्ती जिला बनने का तनिक भी खुशी नहीं नजर आया
इसका कारण हो सकता है कि नगरवासी जिला मुख्यालय जेठा को लेकर वैसे भी ज्यादा खुश नहीं है तब यह साफ झलकता है कि नवीन जिला सक्ती के विकास को लेकर न तो जनप्रतिनिधि चिंतित हैं और न ही अधिकारी गंभीर है। इसलिए शक्ति जिला का विकास चाहने वाले लोगों को स्वयं यत्न व चिंतन कर पहल करना होगा वरना अभी ३ साल बीते हैं तो यह बेरुखी है तब बरसों गुजर जाने के बाद भी शक्ति जिला विकास को लेकर कुछ होने वाला नहीं है। आइए!आम आदमी अपनी हितों का ख्याल कर, अपनी आवाज बुलंद कर राजनीतिज्ञों और अफसरशाही को बाध्य करें ताकि नवीन जिला सक्ती के हक में गंभीरता से पहल हो…
चितरंजय पटेल अधिवक्ता