

पतितों और बच्चों के उद्धारकर्ता हैं महाप्रभु जगन्नाथ स्वामी ।
न्यूज़ चांपा । हिंदुओं के महत्वपूर्ण चार धामों में से एक धाम हैं जगन्नपुरी धाम ! आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष द्वितीया को रथयात्रा निकलती हैं और वापस दशमी तिथि को वापसी यात्रा होती है । भगवान श्रीकृष्ण यहां जगन्नाथ के स्वरुप में विराजते हैं और साथ ही साथ उनके बड़े भाई बलराम और बहन सुभद्रा की भी पूजा की जाती हैं । वर्ष में एक बार भगवान जगन्नाथ स्वामी मंदिर से बाहर जनता-जनार्दन का सुख-दुख जानने के लिए निकलते हैं । कोसा कांसा एवं कंचन की नगरी चांपा में भी रथयात्रा निकाली और वापस अपने मंदिर की ओर प्रस्थान की । वापसी को बहुड़ा यात्रा कहा जाता हैं। साहित्यकार शशिभूषण सोनी ने बताया कि 12 वीं शताब्दी में बना पुरी का जगन्नाथ मंदिर अब विश्व प्रसिद्ध मंदिर बन गया हैं । जगन्नाथ मंदिर 220 फीट ऊंचा और 640 फुट लंबा हैं तथा उतने ही क्षेत्रफल में फैला हुआ हैं । इसका प्राचीर पार करते हुए देवी-देवताओं की मूर्तियां दिखाई देती हैं । दीवारों पर विभिन्न भंगनियों में नर-नारी की श्रृंगारिक मूर्तियां दर्शनीय हैं। यह आज़ चार धामों में से एक धाम जगन्नाथ धाम के रुप में विश्व प्रसिद्ध हो गया हैं। अन्य तीन बद्रीनाथ, रामेश्वरम और द्वारिकापुरी धाम हैं ।
श्री जगन्नाथ रथ यात्रा – बच्चों की टोली उमंग उत्साह अजय मधु ऐरन अग्रवाल चांपा
चांपा में श्री जगन्नाथ रथ यात्रा का आयोजन किया गया, जिसमें बच्चों की टोली ने उमंग और उत्सव के साथ भाग लिया । भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा के साथ नगर भ्रमण पर निकले ।
आशीर्वाद और समृद्धि की कामना
जय जगन्नाथ के जयकारों के साथ लोगों ने आशीर्वाद और समृद्धि की कामना की। भगवान जगन्नाथ की कृपा सब पर बनी रहे, सब रहे समृद्धि एवं खुशहाल।
जय जगन्नाथ के उद्घोष
जय जगन्नाथ, जय जगन्नाथ, भगवान जगन्नाथ के चरणों में हम सबकी श्रद्धा और भक्ति। हे प्रभु जगन्नाथ, थामो मेरा हाथ, अपने रथ में ले चलो, मुझे अपने साथ। भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा ने चांपा के लोगों के दिलों में उमंग और उत्साह भर दिया।
चांपा में धूमधाम से निकली बहुड़ा रथयात्रा।चांपा में बड़ी धूमधाम से भगवान जगन्नाथ की बहुड़ा रथयात्रा बच्चों के द्वारा निकली गई जिसमें खासकर बड़े-बूढे बच्चे भी भगवान जगन्नाथ का आशीर्वाद लेने देखने भीगते पानी में भी पहुंचते हैं । भगवान जगन्नाथ का हर साल चांपा में धूमधाम से मनाया जाता हैं । यह चांपा शहर के लिए आकर्षक माहौल बन जाती है। बहुड़ा यात्रा को सफ़ल बनाने में डॉ👳🏻♂ कुलवंत सिंह सलूजा”, डॉ मूलचंद गुप्ता, डॉ रविन्द्र द्विवेदी शशिभूषण सोनी, रविन्द्र कुमार सोनी भारत तथा अजय ऐरन अग्रवाल का भी योगदान सराहनीय रहा ।
स्वादिष्ट मालपुआ और मिठाइयां
खास बात यह हैं कि चांपा में स्वादिष्ट मालपुआ और स्वादिष्ट मिठाइयां बनती हैं , जिसे जनता भगवान जगन्नाथ का प्रसाद समझकर श्रद्धालु-जन अपने-अपने घर लाकर खाते हैं ।
भक्त और भगवान दोनों हुए भावुक ।
महाप्रभु जगन्नाथ स्वामी अपने विग्रहों के साथ अपने मौसी घर या फिर मंदिर में आषाढ़ शुक्ल द्वितीया से दशमी तिथि तक 8 दिनों तक रहे, इस दौरान सभी लोगों से उन्हें मातृ प्रेम जैसा स्नेह और प्यार मिला। आठ दिनों तक विधि-विधान से पूजा-अनुष्ठान हुई, तरह-तरह के भोग प्रसाद लगाया गया। भजन-कीर्तन और रात्रि जागरण में छोटे तो क्या बड़े-बुजुर्ग भी साथ रहे । जब दशमी तिथि समीप आई और भगवान श्रीजगन्नाथ स्वामी जी की अपने गर्भगृह मंदिर जाने का समय आया तब महाप्रभु जगन्नाथ और अजय- श्रीमति मधु अग्रवाल के दोनों बच्चें लक्ष्य और अंशिका भावुक हो गए , आंखों में आंसू की धार प्रवाहित होने लगी। कारण यह हैं कि उन्हें लग रहा था कि भगवान जगन्नाथ स्वामी अपने विग्रहों के साथ घर पर ही रहेंगे ।
सरदार कुलवंत सिंह सलूजा एवं अजय ऐरन अग्रवाल का कहना हैंसरदार कुलवंत सिंह सलूजा एवं अजय अग्रवाल का कहना हैं कि यह साल में एक बार रथ यात्रा निकलती है, जिसमें बलभद्र और सुभद्रा के साथ नगर भ्रमण की जाती हैं । भगवान जगन्नाथ की कृपा सब पर बनी रहे, यही हमारी कामना हैं ।