

रायपुर। छत्तीसगढ़ कैडर की 2013 बैच की आईएएस अधिकारी नम्रता गांधी अब केंद्र सरकार में अपनी सेवाएं देंगी। केंद्रीय कार्मिक एवं प्रशिक्षण मंत्रालय द्वारा जारी आदेश के अनुसार, उन्हें कैबिनेट सेक्रेट्रिएट में डिप्टी सेक्रेटरी के पद पर चार साल के लिए प्रतिनियुक्ति (डेपुटेशन) पर बुलाया गया है। छत्तीसगढ़ से दिल्ली तक सफर
वर्तमान में धमतरी कलेक्टर के पद पर पदस्थ नम्रता गांधी को नई जिम्मेदारी के लिए जल्द ही रिलीव किया जाएगा। नियमों के मुताबिक, डीओपीटी से आदेश जारी होने के तीन सप्ताह के भीतर उन्हें जॉइनिंग देनी होगी। ऐसे में संभावना जताई जा रही है कि नगरीय निकाय और पंचायत चुनावों की आचार संहिता समाप्त होते ही छत्तीसगढ़ में आईएएस अधिकारियों की छोटी सूची जारी होगी और उसमें नम्रता गांधी का नाम शामिल होगा
ब्यूरोक्रेसी में अहम पदस्थापना
कैबिनेट सेक्रेट्रिएट भारत सरकार का सबसे महत्वपूर्ण प्रशासनिक कार्यालय माना जाता है, जहां से प्रधानमंत्री और केंद्र सरकार की प्रमुख नीतियों पर काम होता है। इस पदस्थापना को ब्यूरोक्रेसी में एक सम्मानजनक जिम्मेदारी माना जाता है। इससे पहले, छत्तीसगढ़ कैडर के 2009 बैच के आईएएस अयाज फकीर भाई तंबोली भी कैबिनेट सेक्रेट्रिएट में अपनी सेवाएं दे रहे हैं।
नम्रता गांधी का करियर सफर
मूल रूप से मुंबई, महाराष्ट्र की रहने वाली नम्रता गांधी ने सेंट जेवियर्स कॉलेज, मुंबई से राजनीति विज्ञान (बीए ऑनर्स) में ग्रेजुएशन किया है। वे मुंबई यूनिवर्सिटी की सेकंड टॉपर रही हैं।उन्होंने 2011 में यूपीएससी में 600वीं रैंक हासिल कर इंडियन पोस्टल सर्विस जॉइन की, लेकिन 2012 में अपने दूसरे प्रयास में 42वीं रैंक के साथ आईएएस बनीं और छत्तीसगढ़ कैडर मिला।
उनकी पहली पोस्टिंग राजनांदगांव में सहायक कलेक्टर के रूप में हुई। इसके बाद वे गौरेला-पेंड्रा-मरवाही की एसडीएम, कांकेर, सरगुजा व धमतरी जिला पंचायत की सीईओ और फिर गरियाबंद, जीपीएम व धमतरी की कलेक्टर रहीं।
पीएम अवार्ड से होंगी सम्मानित
वाटर कंजर्वेशन प्लान के लिए किए गए उत्कृष्ट कार्यों के लिए नम्रता गांधी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा ‘पीएम अवार्ड’ से सम्मानित किया जाएगा। उन्हें यह सम्मान 21 अप्रैल को सिविल सर्विसेस डे पर मिलेगा।
अब नई भूमिका में नजर आएंगी
केंद्र सरकार में प्रतिनियुक्ति पर जाने के बाद, नम्रता गांधी को कैबिनेट सेक्रेट्रिएट में नई और अहम जिम्मेदारियां मिलेंगी। उनकी काबिलियत और प्रशासनिक क्षमता को देखते हुए यह पदस्थापना छत्तीसगढ़ कैडर के लिए भी गर्व की बात है।