
जैजैपुर /बेलादुला:केन्द्रीय बजट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए जिला पंचायत सदस्य प्रतिनिधि राजेश लहरें ने कहा कि मोदी सरकार के दुसरे कार्यकाल के आखिरी बजट में बुनियादी सवालों और आम जनता की जरुरतों को पुनः नजर अंदाज कर दिया है।

वित्त मंत्री के डेढ़ घंटे बजट भाषण में रोजगार की आस लगाए युवाओं को केवल स्किल डेवलपमेंट का झुनझुना मिला। देश के किसान से 2022 तक आय दुगनी करने का वादा था। स्वामीनाथन कमेटी की सिफारिश लागु करने का वादा था पुर्व में एमएसपी की कानुनी गारंटी गारंटी देने का आश्वासन भी दिए लेकिन बजट में उसका को प्रावधान नहीं है,केवल डिजीटल ट्रेनिंग देकर किसानों को भला करने का वादा भी जुमला है। श्री राजेश लहरें ने कहा कि प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना में पिछले बजट में 8270 करोड़ का प्रावधान था। जिसे घटाकर 3365 करोड़ कर दिया है। सीमा अवसंरचना एवं प्रबंधन के मध्य में पिछले बजट में 3739 करोड़ का प्रावधान था जो अब घटकर 3545 करोड़ रह गया है। श्री लहरें ने कहा कि 9 करोड़ 60 लाख उज्जवला हितग्राही होने का दावा कर अपनी पीठ थपथपाने से पहले यह देखना चाहिए कि केन्द्रीय आंकड़ों में ही 90 परसेंटेज हितग्राही दुबारा रिफिल कराने की स्थिति में नहीं है।बजट में एलपीजी सब्सिडी पर कोई बात नहीं है।
