

चांपा ! देखते देखत जम्मो धान लुवागे फेर कोनो डहर दिखय नही खरही अब गरीब मजदूर के बूता सिरागे उंखर चूल्हा म आगी कइसे बरही खेत-खेत तय धान बेचत हस कोठी -डोली म अन्न कहां ले भरही विपदा के बेरा तय रोबे संगी खाली कोठी ले लक्ष्मी कहां झरही भूसा पैरा कोठा – कोला सिरागे लोग लईका दूध – दही बर सुररही लक्ष्मी के जतन करईया नई हे त तोर जिंनगी ह कइसे संवरही अपन स्वार्थ म बूढ़े रहु त पारा परोसी के पीरा कोन हरही आरी पारी सुख दुख लगे हे तोर ऊपर आही त कइसे बिसरही सहेजबे नहीं अपन परंपरा ल त लोक संस्कृति ह कइसे बगरही पाक्षु परा म पसताप ल परही जब आन मन मुड़ी म चढ़ही एकरे ब कथन छत्तीसगढ़िया हमन सबले बढ़िया बरपाली चौक डागा कॉलोनी चांपा निवासी स्वर्गीय रोशन लाल अग्रवाल के पोता पोती अंशिका लक्ष्य ऐरन अग्रवाल !!