जैजैपुर बसपा विधायक पर पिरदा एवं जोगीडीपा के ग्रामीणों में खास नाराजगी
जैजैपुर/बेलादुला , सक्ती जिले के मालखरौदा विकासखंड अंतर्गत ग्राम पंचायत भडोरा के आश्रित बरभाठा जोगीडीपा से पिरदा का टोला सही मायने में ढाब ही दिखता है। आजादी के इतने वर्षों बाद भी मूलभूत सुविधाओं से लोग वंचित हैं । लोगों का आक्रोश बसपा विधायक के लिए है,जो 10 साल तक विधायक रहे है और 10 सालो में यह गांव से अधिकांश सतनामी बाहुल्य क्षेत्र भी है और बसपा समर्थन भी रहे है उसके बाद भी सतनामी वोटर को अपेक्षित करने का ग्रामीणो ने आरोप लगा रहे है चुनाव के समय आते हैं और वोट मांगते हैं। बदले में आश्वासन देते हैं कि उनके लिए विकास का काम किया जाएगा। लेकिन 10 साल तक सड़क को पलट के देखने के लिए नहीं आता।बल्कि वोट मांगने के लिए जरूर लोगो को रिझा रहे है विधानसभा चुनाव एक बार फिर सामने है। नदी के किनारे बसे लोगों के लिए बारिश के समय घर से निकलना मुश्किल हो जाता है। लोगों का कहना है कि जर्जर सड़क होने की वजह से यहां लोगों को कही भी जानें में परेशानी होती है। साथ ही तबीयत खराब होने पर इमरजेंसी के वक्त वाहन से गांव से बाहर निकलना मुश्किल होता है। इस वजह से कई लोगों की जान भी जा चुकी है। सुविधाओं के आभाव में पलायन करने को भी मजबूर हैं। सड़क जर्जर होने की वजह से गांव का विकास रेंग रहा है। विडंबना यह कि बसपा विधायक इससे बेखबर-बेपरवाही में हैं।
नदी के किनारे बसे लोगों के लिए बरसात में दिक्कत होती है छोटी आबादी होने से यहां के वाशिदे हाशिए पर हैं। उन लोगों की बदहाली के विषय में शायद ही कोई चर्चा होती है। क्या बरसात और क्या सुखाड़ हर मौसम में यहां के लोग पानी से घिरे रहते हैं। वजह बोराई नदी का एक बड़ा भाग इस टोला के इर्द-गिर्द है। जिससे पानी सूखते-सूखते साल लग जाता है। इस गांव से बाहर निकलने का एकमात्र साधन जर्जर सड़क है, बसपा विधायक इस गांव की बदहाली से वाकिफ हैं फिर भी यह हाल बरकरार है। इस गांव की आजादी के बाद से यहीं कहानी ग्रामीण का कहना है कि लगभग 17-18 वर्षों से हम लोग इसी तरह जद्दोजहद कर रहे हैं। आजादी के बाद से अब तक कभी सड़क का निर्माण नहीं कराया गया। गांव के लोग इस सड़क से आवाजाही बरसात में नहीं कर पाते। उन्होनें यह भी बताया कि गांव में किसी प्रकार का साधन ना होने की वजह से काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। सबसे बड़ी समस्या यह है कि खाद, दवा और रोजमर्रा के आवश्यक आवश्कता की चीजों के लिए पांच से सात किलोमीटर का सफर तय करके आवाजाही करनी पड़ती है। पानी की वजह से छोटे-छोटे बच्चों की सुरक्षा का डर बना रहता है। नदी में पानी की वजह से विषैले सांप-बिच्छू चलते रहते हैं।
वोट के लिए छोटे-बड़े नेता सभी का आना जाना लगा रहता ग्रामीणों ने बताया कि वोट के समय छोटे-बड़े सभी नेताओं का आना जाना लगा रहता है। 10 साल के बसपा विधायक राजनीतिक रोटी सेकते हैं और आश्वासनों की घुटी पिलाकर लौट जाते हैं। चुनाव बीतने के बाद फिर पांच वर्षों तक कोई सुध लेना जरूरी नहीं समझता। विधानसभा चुनाव के लिए इस बार भी सड़क एक बड़ा मुद्दा है। ग्रामीणों का कहना है कि इस बार वादा खिलाफी करने वाले उम्मीदवार हों या नेता उनको सबक सिखाया जाएगा।