

जेठा-सक्ती, मालखरौदा, डभरा तथा जैजैपुर जनपद पंचायत के सामने पंडाल लगाकर धरने पर बैठे
सक्ती / इन दिनों पंचायत सचिव अपने पद को शासकीयकरण किए जाने की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं। इसके चलते पंचायतों में कामकाज पूरी तरह से ठप्प हो गया है। जिले के चारों ब्लाक सक्ती, मालखरौदा, जैजैपुर तथा डभरा जनपद पंचायत अंतर्गत आने वाले सभी ग्राम पंचायतों के सचिव प्रदेश पंचायत सचिव संघ के आह्वान पर अपनी एक सूत्रीय मांग शासकीयकरण किए जाने को लेकर काम बंद कलम बंद हड़ताल पर चले गए हैं। जेठा कलेक्ट्रेट के सामने हड़ताल पर बैठे पंचायत सचिव संघ के पदाधिकारियों ने बताया कि बीते विधानसभा चुनाव के समय भारतीय जनता पार्टी ने अपने घोषणा पत्र में पंचायत सचिवों के शासकीयकरण किए जाने संबंधी अपनी वादे किया गया था जिसे मोदी की गारंटी भी बताया गया था। छत्तीसगढ़ प्रदेश में सरकार बनने के बाद से विष्णु देव साय की राज्य सरकार अपने वायदों को मोदी की गारंटी बताते हुए उसे पूरा कर दिखाने की बात कहते हुए अपनी पीठ थपथपाने से नहीं चूक रही है वहीं पंचायत सचिवों को शासकीयकरण किए जाने संबंधी अपनी वायदों के मामले में मोदी की यह गारंटी पूरा होते देर नहीं आ रही है। इससे जिले में पंचायत सचिव ठगा सा महसूस कर रहे हैं। जेठा में कलेक्ट्रेट के सामने काम बंद कलम बंद हड़ताल पर बैठे पंचायत सचिवों ने बताया कि हमारी एक-सूत्रीय मांग है कि पंचायत सचिव के रूप में उनके पद को शासकीय करण किया जाय। इस मांग को लेकर वे विगत 17 मार्च से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं जिससे पंचायतों में तालाबंदी की स्थिति है जिससे पंचायतों कामकाज पूरी तरह से प्रभावित हो रहा है। पंचायत सचिवों ने बताया कि उनके द्वारा पंचायतों के माध्यम से गांव-गांव में अंतिम छोर के व्यक्ति तक शासन -प्रशासन तक पहुंचाने का कार्य किया जाता है। हम सब बहुत लंबे समय से इस पदों पर अपनी सेवाएं दे रहे हैं। मोदी की गारंटी से हमें बड़ी उम्मीदें हैं कि राज्य सरकार जिस तरह से अपनी बाकी वायदों को मोदी की गारंटी बताकर उसे पूरा कर रही है। हम पंचायत सचिवों को शासकीयकरण किए जाने संबंधी वायदों को भी पूरा करे । पंचायत सचिवों ने बताया कि हमारी मांगे पूरी होने तक हम अपना संघर्ष जारी रखेंगे। विदित हो कि 1995 से कार्यरत पंचायत सचिवों को शासकीय करण किए जाने का वायदा भाजपा द्वारा विधानसभा चुनाव के दौरान किया गया था जिसे मोदी की गारंटी भी कहा गया था। राज्य सरकार अपने सभी चुनावी वायदों को मोदी की गारंटी बताकर उसे पूरा करने का दंभ भर रही है पर पंचायत सचिवों के शासकीयकरण संबंधी वायदे पर ऐसा होता नहीं दिख रहा है। इस लिए पंचायत सचिव काम बंद कलम बंद नारे के साथ अब हड़ताल की राह पर हैं ऐसे में देखना होगा कि राज्य सरकार इस मामले में क्या निर्णय लेती है?
इसी प्रकार की हड़ताल डभरा, मालखरौदा तथा जैजैपुर जनपद के सामने भी पंचायत सचिव संघ के द्वारा पंडाल लगाकर धरना प्रदर्शन किया जा रहा है। सभी की एक-सूत्रीय मांग कि उन्हें शासकीयकरण किया जाए।