जिला ब्यूरो गौतम कुमार साहू
गरियाबंद जिले के अंतिम छोर में बसे तहसील अमलीपदऱ मैं सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की स्थिति बद से बत्तर हो गई है करोड़ों की लागत से बने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में में कर्मचारी की भारी कमी देखने को मिल रही है एक ही महिला RMA डॉक्टर के भरोसे पूरा अस्पताल संचालित हो रहा है जिस अस्पताल में 5 मेडिकल ऑफिसर की पदस्थापना होनी थी वहां सिर्फ एक ही डॉक्टर की पोस्टिंग की गई जिसका स्थानांतरण रायपुर मेकाहारा हो चुका है
आपको बता दे की अमलीपदर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के अंतर्गत 15 सब सेंटर आते हैं जिससे 40000 लोग इस अस्पताल के भरोसे निर्भर रहते हैं ओपीडी रजिस्टर के अनुसार 1500 से अधिक लोग महीने में इलाज करवाने अमलीपदऱ अस्पताल आते हैं डॉक्टर नहीं होने के कारण उड़ीसा के अस्पताल पर निर्भर रहना पढ़ता है डॉक्टर नही होने के कारण अगस्त से अब तक की स्थिति मे 24 आपातकालीन मरीजों का गरियाबंद रेफर किया गया है
अस्पताल में कई पद है खाली
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अमलीपदऱ में ना ही मेडिकल ऑफिसर फार्मासिस्ट ANM वार्ड बॉय लैब टेक्नीशियन स्वीपर वार्ड आया जैसे 24 पद खाली है
ना हीं 108 ना ही 102 की मिलती है सुविधा
आंकड़ों के अनुसार सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में महीने में 30 से 40 प्रसव होता है इसके लिए 102 को उरमाल या देवभोग से मंगवाया जाता है सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र होने के बावजूद यहां 102 की सुविधा लोगों को सही तरीके से नहीं मिल पा रही है
वही अमलीपदर के लिए जारी हुए 108 वाहन झारगांव प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में रखा गया है जिसके चलते 108 वहां के लिए झारगांव देवभोग मैनपुर के वाहनों पर निर्भर रहना पड़ता है